इस पोस्ट मे बताया गया है कि, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सी मे वेरियेबल क्या होते है तथा C language मे वेरियेबल कितने प्रकार के होते है types of variable in c language in Hindi तथा Local वेरियेबल और Global वेरियेबल क्या है, declaration of variable सी भाषा में वेरियेबल की लाइफ तथा स्कोप Scope and Life of Variables in C Language.
C भाषा में Variable क्या होते है।
Variable किसी मेमोरी स्थान को दिया गया नाम है, जहाँ Data store, access व Manipulate किया जाता है। संक्षेप में कहा जाए तो ऐसा आईडेंटिफायर जिसका प्रयोग किसी Value को Store करने के लिए होता है, Variable कहलाता है। इसकी वैल्यू प्रोग्राम के execution के दौरान बदली जा सकती है। वेरियेबल को आईडेंटिफायर भी कहा जाता है। चूँकि एक वेरियेबल एक आईडेंटिफायर है इसलिए वेरियेबल और आईडेंटिफायर को परिभाषित करने के नियम एक जैसे ही होते है।
Declaration of variable
वेरियेबल को डिक्लेअर करने का सिंटेक्स निम्न प्रकार है।
Syntax :
data type variable name ;
Example : int abc ; (जहाँ, int एक data type है और abc एक Variable name है।)
Variable Declaration के नियम
वेरियेबल बनाने हेतु कुछ मूल नियम निम्न प्रकार है-
- वेरियेबल में पहला character एक अक्षर या अंडर स्कोर होना चाहिए तथा इसके बाद कोई संख्या, अक्षर, अंक या अंडरस्कोर हो सकते हैं ।
- इसमें अक्षर संख्या या अंडरस्कोर के अलावा कोई अतिरिक्त चिन्ह नहीं हो सकता।
- वेरियेबल की अधिकतम लंबाई 31 character तक की हो सकती है।
सी भाषा में वेरियेबल की लाइफ तथा स्कोप ( Scope and Life of Variables in C Language)
सी भाषा के प्रोग्राम मे प्रयोग किए जाने वाले प्रत्येक वेरिएबल की लाइफ तथा स्कोप होता है, वेरिएबल की लाइफ तथा स्कोप के आधार पर वेरिएबल को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
वेरियेबल के प्रकार (Types of variable)
- लोकल वेरिएबल (Local Variable)
- ग्लोबल वेरियेबल (Global Variable)
(1) लोकल वेरिएबल (Local Variable)
ऐसे वेरियेबल जिन्हें केवल उसी फंक्शन में प्रयोग किया जा सकता है जिस फंक्शन में इस वेरियेबल को डिक्लेअर किया गया हो, इस तरह के वेरिएबल को Local Variable कहते हैं। नीचे दिए गए प्रोग्राम में लोकल वेरियेबल के प्रयोग को दर्शाया गया है।
#include<stdio.h>
#include<conio.h>
void main()
{
int a;
a=10;
printf(“%d”,a);
getch();
}
उपरोक्त प्रोग्राम में a integer type का वेरिएबल है, जिसे Main function में डिक्लेअर किया गया है, यह वेरियेबल केवल इसी फंक्शन पर प्रयोग किया जा सकता है, इस वेरियेबल का प्रयोग किसी दूसरे फंक्शन पर नहीं कर सकते हैं ।
(2) ग्लोबल वेरियेबल (Global Variable)
Global Variable वह वेरियेबल होते हैं जिन्हें पूरे प्रोग्राम में, किसी भी फंक्शन में प्रयोग किया जा सकता है क्योकि इन वेरियेबल्स को globally declare किया जाता है, अर्थात इन वेरियेबल को हम main function से पहले तथा header files के मध्य में डिक्लेअर करते हैं, ग्लोबल वेरियेबल को पूरे प्रोग्राम में किसी भी फंक्शन के अंदर प्रयोग किया जा सकता है इन्हें केवल एक बार declare करने की आवश्यकता होती है। नीचे दिए गए प्रोग्राम में ग्लोबल वेरियेबल के प्रयोग को दर्शाया गया है।
#include<stdio.h>
#include<conio.h>
int a;
void main()
{
a=10;
printf(“%d”,a)
getch();
}
ऊपर दिए गए प्रोग्राम में a एक ग्लोबल वेरिएबल है, क्योकि इसे main function के पहले डिक्लेअर किया गया है।
यदि एक प्रोग्राम में 50 फंक्शन का प्रयोग किया है, प्रत्येक फंक्शन में एक-एक इंटीजर टाइप के लोकल वैरियेबल्स का प्रयोग किया जाए तो 50 फंक्शनो में हमें 50 integer type के variable की आवश्यकता होगी, इसके विपरीत यदि हम एक integer type का global variable declare करते हैं तो इस वेरियेबल को पूरे प्रोग्राम में प्रत्येक फंक्शन में बार-बार प्रयोग कर सकते हैं, इस तरह 49 वैरियेबल्स को डिक्लेअर करने की आवश्यकता नहीं होगी।
Life of Variables in C Language
Local Variable की Life – किसी भी Local variable की life उसके Function के execution के समय तक ही होती है। जैसे ही Control function से return कर जाता है, तो सम्बधित variable भी expire हो जाता है। जब कोई variable declare statement क्रियान्वित होता है तो उसे variable का Born कहते है।
Global Variable की Life – चूंकि global variable किसी function के अंदर declare नही होते हैं अतः उनकी Life किसी function पर depend नही करती है। अतः Program execution के समाप्त होने पर ही global variable expire होते है।
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