इस पोस्ट मे बताया गया है कि,IC क्या है, तथा IC कितने प्रकार की होती है। आईसी की पूरा full form क्या है, मोबाइल में कितने प्रकार की आईसी लगी होती है। यदि आईसी खराब हो गई है तो इसकी पहचान कैसे करें, कैसे आप किसी IC के Leg/Pin या Ball Count कर सकते है। और IC Reballing की पूरी जानकारी दी गई है।
यदि सीधे शब्दो में कहे तो IC एक छोटी सी Circuit होती है जो किसी एक विशेष कार्य जैसे- amplification आदि करने के लिए एक Silicon की chip में Transistor, Resistor, Diode, तथा Capacitor की मदद से बनाई जाती है। चूकिं यह सर्किट बहुत नाजुक होती है इसलिए इसे एक प्लास्टिक के आवरण से ढक दिया जाता है और PCB पर Connection के लिए पिन निकाल दिये जाते है।
पहली इंटीग्रेटेड सर्किट सन् 1958 मे Jack Kilby द्वारा बनाई गई थी जिसे Germanium पर बनाया गया था, इसके कुछ समय बाद Robert Noyce ने सन् 1959 में पहली Monolithic IC Chip का आविष्कार किया जिसे Germanium की बजाए की
Silicon से बनाया गया था । और तब से लेकर आज तक आईसी सिलिकॉन चिप पर ही बनाई जाती है।
प्रौद्योगिकी के आधार पर IC निम्नलिखित 2 प्रकार की होती है।
बाहरी संरचना के आधार पर IC निम्न प्रकार की होती है।
(3) प्रयुक्त घटकों की संख्या पर आधार (Basis on number of components used)
प्रयुक्त घटकों की संख्या पर आधार आईसी निम्न प्रकार की होती है।
(1) CPU IC - कंप्यूटर की तरह ही मोबाइल फोन में भी सीपीयू लगा होता है जो कि मोबाइल फोन का दिमाग कहलाता है, यह मोबाइल पीसीबी के सभी सेक्शन के कार्यों को कंट्रोल करता है इसे UPP भी कहते है। यह मोबाइल की पीसीबी पर लगी सबसे बड़ी आईसी होती है, और यह पावर सेक्शन में लगी होती है। यदि सीपीयू खराब हो जाए तो पूरा मोबाइल फोन बंद हो जाता है मतलब मोबाइल फोन Dead हो जाएगा। हर CPU IC के ऊपर सीपीयू बनाने वाली कंपनी का नाम और सीरीयल नम्बर लिखा होता है जिससे आप पहचान सकते है की यह किस कंपनी का है और इसका नम्बर क्या है। नीचे सारणी मे कुछ महत्वपूर्ण सीपीयू बनाने वाली कंपनी के नाम दिये गये है।
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IC क्या है ?
एक सेमीकंडक्टर चिप में बहुत सारे डायोड, ट्रांजिस्टर, कैपेसिटर, रजिस्टर को मिलाकर बनाए गए सर्किट को ic कहते हैं। IC का पूरा नाम integrated circuit है। इसे Chip या Microchip भी कहा जाता है। आईसी एक पैकेट है जिसमें कई Circuits, logic gates, pathways, transistors, और अन्य components होते हैं जो एक विशेष कार्य या फंक्शन की एक श्रंखला को पूरा करने के लिए एक साथ काम करते हैं,यदि सीधे शब्दो में कहे तो IC एक छोटी सी Circuit होती है जो किसी एक विशेष कार्य जैसे- amplification आदि करने के लिए एक Silicon की chip में Transistor, Resistor, Diode, तथा Capacitor की मदद से बनाई जाती है। चूकिं यह सर्किट बहुत नाजुक होती है इसलिए इसे एक प्लास्टिक के आवरण से ढक दिया जाता है और PCB पर Connection के लिए पिन निकाल दिये जाते है।
पहली इंटीग्रेटेड सर्किट सन् 1958 मे Jack Kilby द्वारा बनाई गई थी जिसे Germanium पर बनाया गया था, इसके कुछ समय बाद Robert Noyce ने सन् 1959 में पहली Monolithic IC Chip का आविष्कार किया जिसे Germanium की बजाए की
Silicon से बनाया गया था । और तब से लेकर आज तक आईसी सिलिकॉन चिप पर ही बनाई जाती है।
IC कितने प्रकार की होती है।
Integrated Circuit (IC) को हम निम्नलिखित आधार मे वर्गीकृत कर सकते है।- प्रौद्योगिकी के आधार पर(Basis on technology)
- बाहरी संरचना के आधार पर (Basis on external structure)
- प्रयुक्त घटकों की संख्या पर आधार (Basis on number of components used)
प्रौद्योगिकी के आधार पर IC निम्नलिखित 2 प्रकार की होती है।
- Linear IC - यह आईसी analog signal पर कार्य करती है इसका आउटपुट सिग्नल इनपुट सिग्नल के अनुसार बदलता रहता है, इसका प्रयोग amplifiers, voltage multipliers, voltage comparator, regulators इत्यादि में किया जाता है इसे Analog IC भी कहते हैं।
- Digital IC - इस प्रकार की आईसी डिजिटल सिग्नल पर काम करती है इसका आउटपुट एक समान रहता है। CMOS, DSP,DRAM,ROM आदि इसके उदाहरण है। इसे Non-Linear IC भी कहते है।
बाहरी संरचना के आधार पर IC निम्न प्रकार की होती है।
- Single in-line pin package (SIPP) - सिंगल-इन-लाइन पिन पैकेज में कनेक्टिंग पिन की एक पंक्ति होती है।
- Dual in-line pin package (DIPP) - डुअल-इन-लाइन पिन पैकेज में कनेक्टिंग पिन की दो समानांतर पंक्तियां होती हैं। जिन्हें प्रिंट-होल के माध्यम से सर्किट बोर्ड पर लगाया जा सकता है।
- Quad pin package (QPP) - क्वाड पिन पैकेज आईसी में चारों तरफ से कनेक्टिंग पिन फैली हुई होती है।
- Pin Grid Array Package (PGA) - जैसा कि पहले क्वाड पिन पैकेज में कनेक्टिंग पिन आईसी के चारों ओर फैली हुई होती थी, परंतु पिन ग्रिड ऐरे पैकेज में कनेक्टिंग पिन, आईसी चिप के नीचे की तरफ नियमित सरणी (regular array) में व्यवस्थित होती है ।
- Ball Grid Array Package (BGA) - बॉल ग्रिड ऐरे पैकेज में कनेक्टिंग पिन के स्थान पर बॉल का प्रयोग किया जाता है।
- Leadless Chip Carrier (LCC) - लेडलैस चिप कैरियर में कनेक्शन के लिए कनेक्टिंग पिन या बॉल के स्थान पर आई सी के बाहरी किनारों पर धातु के पैड का उपयोग किया जाता है।
- Land Grid Array (LGA) - लैंड ग्रिड ऐरे मे कनेक्टिंग पिन या बॉल के स्थान पर आई सी के नीचे की तरफ आयताकार ग्रिड पॉइंट का प्रयोग किया जाता है। उस प्रकार की आईसी ज्यादातर विभिन्न माइक्रोप्रोसेसरों के लिए उपयोग की जाती हैं।
मोबाईल फोन मे ज्यादातर बॉल ग्रिड ऐरे पैकेज (Ball IC) का प्रयोग किया जाता है।
प्रयुक्त घटकों की संख्या पर आधार आईसी निम्न प्रकार की होती है।
- Small-scale integration - इसमें घटकों की संख्या बहुत कम, करीब 10 होती है।
- Medium-scale integration - इस परिपथ में घटकों की संख्या 100 तक हो सकती है ।
- Large-scale integration - इस परिपथ में घटकों की संख्या 100 से अधिक, करीब 1000 तक होती है ।
- Very large-scale integration- इसमें घटकों की संख्या 1000 से अधिक होती है ।
- Ultra large-scale integration- इसमें घटकों की संख्या लाखों में होती है ।
मोबाइल पीसीबी पर लगी सभी आईसी की पहचान, कार्य और खराबियाँ।
एक मोबाइल फोन की PCB पर बहुत सारी IC लगी होती है, जो फोन में विभिन्न प्रकार के कार्य करती है। पीसीबी पर लगी हर आईसी का एक अपना महत्वपूर्ण कार्य होता है, यदि इनमें से कोई भी एक आईसी खराब हो जाए तो मोबाइल फोन कार्य करना बंद कर देगा या ठीक से कार्य नहीं करेगा। यदि हमें chip level mobile repairing सीखना है, तो मोबाइल फोन पर लगी इन सभी आईसी की जानकारी होना अवश्यक है। नीचे मोबाइल फोन में प्रयोग होने वाली सभी आईसी की पहचान करना व उनके कार्य तथा इनके कारण कौन-कौन सी खराबियाँ आ सकती है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।(1) CPU IC - कंप्यूटर की तरह ही मोबाइल फोन में भी सीपीयू लगा होता है जो कि मोबाइल फोन का दिमाग कहलाता है, यह मोबाइल पीसीबी के सभी सेक्शन के कार्यों को कंट्रोल करता है इसे UPP भी कहते है। यह मोबाइल की पीसीबी पर लगी सबसे बड़ी आईसी होती है, और यह पावर सेक्शन में लगी होती है। यदि सीपीयू खराब हो जाए तो पूरा मोबाइल फोन बंद हो जाता है मतलब मोबाइल फोन Dead हो जाएगा। हर CPU IC के ऊपर सीपीयू बनाने वाली कंपनी का नाम और सीरीयल नम्बर लिखा होता है जिससे आप पहचान सकते है की यह किस कंपनी का है और इसका नम्बर क्या है। नीचे सारणी मे कुछ महत्वपूर्ण सीपीयू बनाने वाली कंपनी के नाम दिये गये है।
क्र. | कंपनी का नाम | आईसी नम्बर |
---|---|---|
1 | Samsung | Exynos xxx |
2 | Apple | A4,A5,A6,A7,A8….(mfg. By Samsung) |
3 | Qualcomm Snapdragon | MSM/QSC |
4 | Mediatek | MT6xxxx |
5 | Spreadtrum | SCxxx |
नोट- ऊपर दिये गये xxx का मतलब serial no. से है जैसे Mediatek- MT6750.
(2) Power IC – यह IC मोबाइल फोन की main ic होती है, जो फोन के पावर सेक्शन को कंट्रोल करती है कई मोबाइल फोन में Audio IC / Logic IC/Charging IC आदि को एक साथ मिलाकर एक आईसी बना दी जाती है जिसे UEM IC कहते हैं। यह आईसीसी आकार सीपीयू से थोड़ा छोटी होती है, और पीसीबी पर सीपीयू के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी आईसी होती है। पॉवर आईसी के आसपास बडे-बडे Capacitor होते है और एक Crystal लगा होता हैं, जिनसे आप इस आईसी को आसानी से पहचान सकते है। यदि इस आईसी में खराबी आ जाए तो मोबाइल में पावर सप्लाई बंद हो जाती है और मोबाइल ऑन नही होगा ।
(3) Audio IC - इसे Ringer IC भी कहते हैं, और यह UEM/ Power IC के आसपास लगी होती है। ऑडियो आईसी मोबाइल में स्पीकर रिंगर माइक्रोफोन आदि को कंट्रोल करती है अर्थात ऑडियो से संबंधित सेक्शन को नियंत्रित करती है यदि ऑडियो आईसी खराब हो जाए तो मोबाइल फोन में स्पीकर रिंगर माइक आदि काम नहीं करेंगे ।
यह भी पढ़े - मोबाइल में स्पीकर से आवाज नही आ रही है, कैसे ठीक करें।
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(4) Flash IC - पहले के मोबाइल फोन में ROM IC/ RAM IC/ Memory IC यह सभी आईसी अलग-अलग होती थी। परंतु आजकल के नए मोबाइल में इन सभी आईसी को मिलाकर एक फ्लैश आईसी बना दी गई है, जो इन सभी आईसी के कार्य को नियंत्रित करती है। मोबाइल का सॉफ्टवेयर Flash IC पर ही install रहता है। मोबाइल पीसीबी पर फ्लैश आईसी, सीपीयू के पास लगी होती है यह अन्य आईसी की तुलना में थोड़ा पतली और आयताकार होती है, यदि इस आई सी में कोई Fault आ जाने जाए तो मोबाइल फोन dead हो जाता है और जब हम इसे mobile flash करते हैं तो यह फ्लैश भी नहीं हो पाता ।
(5) Keypad IC - यह मोबाइल फोन के पावर सेक्शन में सीपीयू के पास लगी होती है। ज्यादातर मोबाइल फोन में इस आईसी को अलग से नहीं दिया जाता, यदि कीपैड आईसी खराब हो जाए या इसमें कोई फॉल्ट आ जाए तो मोबाइल की कोई बटन या पूरा कीपैड कार्य नहीं करता।
(6) Charging IC - चार्जिंग आईसी मोबाइल फोन की बैटरी को चार्ज करने कार्य करती है, यह IC Charging Connector के आसपास लगी हो होती है इस आईसी के खराब हो जाने पर या इसमें कोई फॉल्ट आ जाने पर मोबाइल फोन में चार्जिंग से संम्धित समस्याएं आती है ।
(7) Wifi IC/Bluetooth IC - किसी-किसी फोन मे Wifi और Bluetooth IC अलग से दि गई होती है परंतु ज्यादातर मोबाइल फोन में इन सभी आईसी को मिलाकर एक आईसी बना दी जाती है, इसके आसपास बहुत सारे छोटे-छोटे कैपासिटर और रजिस्टर लगे होते हैं यदि यह ऐसी खराब हो जाए तो मोबाइल फोन में वाईफाई, ब्लूटूथ, रेडियो आदि से संबंधित समस्याएं आती है।
(8) RTC (Real Time Clock) - यह क्रिस्टल आईसी UEM अर्थात पावर आईसी को clock plus प्रदान करती है, जो फोन पर टाइम और डेट को बनाए रखती है यह मोबाइल फोन में समय और तारीख को दिखाने व चलाने में सहायता करती है, यह ic पावर आईसी के बाजू में लगी होती है । इस आईसी के खराब हो जाने पर जब भी आप मोबाइल रीस्टार्ट करेंगे तो उसका डेट और टाइम भी सेट हो जाएगा या समय व तारीख आना बंद भी हो सकता है।
(9) Logic IC - लॉजिक आईसी मोबाइल की पीसीबी पर कहीं भी लगी हो सकती है यह मोबाइल फोन में वाइब्रेटर और एलइडी लाइट के कार्यों को नियंत्रित करती है इसके खराब हो जाने पर वाइब्रेटर और एलईडी लाइट ठीक से कार्य नहीं करते ।
कई मोबाइल फोन में एलईडी लाइट के लिए अलग से लाइट आईसी दी जाती है।
(10) Light IC - लाइट आईसी मोबाइल की पीसीबी पर डिस्प्ले कनेक्टर के आसपास लगी होती है। लाइट आईसी के पास Boost Coil और Diode लगे होती है जिससे आप इसकी पहचान कर सकते हैं। ज्यादातर फोन मे लाईट आईसी 6 पिन वाली होती है। यह Display व Keypad की लाईट को कंट्रोल करती है। इसके खराब हो जाने पर डिस्प्ले में light ना आना या कीपैड में लाईट नहीं जलने की खराबी आती है।
(11) PFO IC – PFO का पूरा नाम Power Frequency Oscillator है। यह आईसी नेटवर्क सेक्शन मे लगी होती है। इसे PF या Band Filler भी कहते है। यह सिग्नल को उच्य स्तर तक amplify तरती है। इसकी पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है की आप PCB पर लगे Antenna को देखें क्योकी यह आईसी ज्यादातर उसी के पास लगी होती है। किसी-किसी PFO IC के ऊपर एक Cross की निशान बना होता है इससे भी आप इसे पहचान सकते है। यदि यह आईसी Short हो जाती है तो फोन dead हो सकता है ऐर यदि यह खराब हो जाती है तो मोबाइल फोन में नेटवर्क से संबंधित समस्याए होती है।
(12) RF IC – इसे Network या RF Signal Processor IC भी कहते है। यह PFO व Antenna के पास लगी होती है। RF IC Transmit signal (TX) को Modulate तथा Receiving Signal (RX) को Demodulate करना है। किसी-किसी फोन मे RF IC network section के बजाए power section मे लगी हो सकती है। इस आईसी के खराब हो जाने पर भी मोबाइल फोन में नेटवर्क से संबंधित समस्याए होती है।
ज्यादातर सस्ते Keypad Mobile Phone में देखा गया है की इनमे केवल CPU और Network IC ही दी गई होती है। Power Section की सभी आईसी सीपीयू में तथा नेटवर्क सेक्शन की सभी आईसी नेटवर्क आईसी मे ही लगी दिया जाता है।
कैसे आप किसी IC के Leg/Pin या Ball Count कर सकते है।
जब कभी हमें किसी मोबाइल फोन की IC को निकालकर उसके स्थान पर Jumper लगाने की आवश्यकता पड़ती है, या जब कभी किसी आईसी के Input/ output को चेक करने की जरूरत पड़ती है, तो हमारे पास 2 तरीके होते हैं या तो हम मल्टीमीटर से पूरे Section की testing करें या उस PCB का schematic diagram देखें। मल्टीमीटर से टेस्टिंग करने पर बहुत समय लगता है और गलती भी हो सकती है, परंतु यदि आप schematic diagram का प्रयोग करते हैं तो आप डायग्राम से तुरंत पता कर सकते हैं कि आईसी कौन सी पिन से कितना इनपुट लेती है और किस पिन से कितना आउटपुट देती है परंतु, इसके लिए आपको schematic diagram कैसे रीड करते है और IC Reading की जानकारी होना भी जरूरी है। जैसा कि आप जानते हैं कि आई सी में बहुत सारी पिन या बॉल होते हैं तो कैसे पता करें कि, आईसी की कौन सी पिन पहली है और कौन सी पिन आखरी है। आखिरकार IC की numbering कहाँ से शुरु होती है।
Pin IC को कैसे Count करते है।
यदि आप किसी भी IC को ध्यान से देखें तो पता चलेगा कि उसमें एक छोटा सा पॉइंट दिया गया होता है जिसे Cut Point या Nose Point कहते हैं। बस आपको इसी कट पॉइंट को देखना है और उस पॉइंट के बाजू वाले पिन से Anti-clock wise पिन की Numbering करना है जैसा कि नीचे चित्र में दर्शाया गया है-
Nose Point से ही किसी भी IC की Numbering शुरु होती है, नोज पॉइंट के बाजू वाली पिन पहली पिन होती है।
Ball IC को कैसे Count करते है।
बॉल आईसी में भी Nose Point दिया गया होता है परंतु, इसमें बॉल अकाउंट करने का तरीका थोड़ा अलग होता है । इसमें बॉल Clock wise और Anti-clock wise दोनों count किये जाते हैं। बॉल आईसी पर बॉल काउंट करने के लिए सबसे पहले आपको नोज पॉइंट देखना है, फिर नोज पॉइंट से Clock wise Digit (123) और Anti-clock wise alphabet (ABCD) Count करना है जैसा नीचे चित्र में दर्शाया गया है-
कैसे Check करें IC खराब है या सही है।
नीचे दी गई इन 4 Condition मे से एक भी Condition match होती है तो हम यह मानते है की IC खराब है।
- Shorting – IC में shorting check करने के लिए Multimeter को Continuity Mode मे रखें और आईसी की पिन चेक करें यदि IC की 50% से ज्यादा पिन आपस में Beep करती है तो IC short है। shorting हटाने के लिए हम आईसी को Re-hot या Re-ball कर सकते है।
- Leakage – अगर IC damage है या फूल गई है या फट गई है तो यह IC की Leakage condition कहलाती है। इस कंडीशन मे आईसी को Replace करना पडता है।
- Heating – IC heat कर रही है या नही यह चेक करने के लिए Motherboard मे Power Supply दिजिए और फिर आईसी को छू कर देखें यदि वह अवशयकता से अधिक गर्म हो रही है तो IC Heating Condition में है। कभी- कभी shorting की वजह से भी IC heat होती है।
- Input/Output Supply – यदि आईसी इनपुट ले रही है परन्तु आउटपुट नही दे रही तो इस कंडीशन मे वह खराब मानी जायेगी।
IC Reballing कैसे करते है।
जैसा कि आप जानते हैं कि मोबाइल फोन में ज्यादातर बॉल आईसी का प्रयोग किया जाता है, और बॉल आईसी को प्रयोग करने फायदा यह है की यदि इसकी Ball damage हो जाऐ तो हम इन्हें Reball कर सकते है, परन्तु Leg IC मे ऐसा नही किया जा सकता। नीचे IC Reball करने का तरीका बताया गया है-
- सबसे पहले जिस IC को रीबॉल करना है उसे पीपीबी से निकाल लीजिए और पीसीबी तथा आईसी मे लगे रांगा को डी-सोल्डरिंग वायर और सोल्डरिंग आयरन (कईया) की मदद से को अच्छे से क्लीन कीजिए। ध्यान रहे क्लीन करते समय सोल्डरिंग आयरन का प्रयोग हल्के हाथों से करें ताकि आईसी और पीसीबी मे बने बाल पॉइंट खराब ना हो ।
- अब आईसी के सही आकार की Stencil का चयन करें, फिर आईसी को स्टैंसिल पर क्लिप या टेप की सहायता से Fix कर दें, आईसी को स्टैंसिल पर लगाते समय ध्यान रखें कि स्टैंसिल के होल आईसी पर बिल्कुल फिट बैठें।
- अब इस स्टैंसिल में सोल्डरिंग पेस्ट लगाएं, सोल्डरिंग पेस्ट लगाते समय यह ध्यान रखें कि पेस्ट अच्छी तरह से लगा हो कोई भी होल खाली नहीं छूटना चाहिए ।
- अब SMD rework station का उपयोग करके आईसी के चारों ओर अच्छे से, गर्म हवा दें। जिससे सोल्डरिंग पेस्ट गर्म होकर बॉल का निर्माण करेगा और आईसी से चिपक जाएगा। SMD Machine की Heat को 300 पर तथा Air 250 पर Set करें। जब आपको लगे कि बॉल बन चुके हैं तो रुक जाएं।
- अब एसीटोन की सहायता से IC को Clean कीजिए और इस स्टैंसिल से IC निकाल ले। आईसी निकालते वक्त ध्यान दें इसे आराम से निकाले ज्यादा जोर ना लगाएं ।
- आईसी को निकाल कर इसमें थोड़ा Flux Paste लगाएं और हल्की हिट दीजिए, ताकि इसके Ball smooth हो जाएं और फिर आपकी IC PCB में लगाने के लिए तैयार है।
यह भी जाने - SMD Rework Station का प्रयोग कैसे करते है।
आईसी के लाभ (Advantage of IC)
- यह आकार में काफी छोटी होती है ।
- कई complex circuits को एक ही चिप है fabricated किया जा सकता है ।
- इसे मदरबोर्ड में बहुत आसानी से बदला जा सकता है ।
- यह किसी भी सर्किट के प्रदर्शन को बेहतर बनाती है ।
आईसी के नुकसान (Disadvantage of IC)
- आईसी खराब हो जाने पर इसे रिपेयर नहीं किया जा सकता ।
- यदि आईसी का कोई भी एक Component खराब हो जाता है तो पूरी आईसी को बदलना पडता है।
- Inductors और Transformers को IC में शामिल नहीं किया जा सकता है।
- आईसी बहुत तीव्रता से गर्म होती है ।
आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है, बहुत अच्छे तरीके से हर बात को समझाया है।
ReplyDeleteआपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है।
मेरा भी एक blog है, www.finoin.com जिसमे Share market and Mutual funds Investment की जानकारी प्रदान किया जाता है।
धन्यवाद…
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ReplyDeleteVery nice information sir
ReplyDeleteTechno mobile phone ki power ic kitne ki lgti hai
ReplyDeleteFirst of all thank you very much sir to give this knowledge. Mujhe bahut acche se samajh aagaya IC ke bare me or Riballing karna.. 🙏👌👍 super sir
ReplyDeleteBhut hi acche se samjaye h thanks sir
ReplyDeleteBhut hi best
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