कंप्यूटर की पीढ़ियाँ - Generation of Computer Notes in Hindi pdf

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Cat1Solution के इस lesson मे कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियों के विषय में बताया गया है।तथा इन पीढ़ियों के गुण, advantage and Disadvantages of computer generation और इन पीढ़ी के कंप्यूटिंग उपकरणों के उदाहरण (example of different generation computer device) और अंत मे free PDF Notes दिए गये है।


परिचय (Introduction)

कंप्यूटर की प्रत्येक पीढ़ी (Generation) को एक प्रमुख तकनीकी विकास (major technological development) की आवश्यकता होती है, जो कंप्यूटर को संचालित करने के तरीकों को मौलिक रूप से बदल देती है। जिसके परिणाम स्वरुप छोटे, सस्ते, अधिक शक्तिशाली और अधिक कुशल तथा विश्वसनीय उपकरण देखने को मिलते हैं। कंप्यूटर के मूलभूत सिद्धांतों (Basic principles) व किसी भाग के नवीन रूप मे विकसित होने पर एक नई पीढ़ी की शुरुआत होती है। कंप्यूटर विकास के इतिहास को अक्सर computing devices की अलग-अलग Generation के रुप मे संदर्भित किया जाता है। कंप्यूटर को कंप्यूटर में प्रयुक्त की गई नई तकनीकों के आधार पर पांच पीढ़ियों में विभाजित किया गया है-
  1. First Generation (1940-1956)
  2. Second Generation (1956-1964)
  3. Third Generation (1964-1971)
  4. Fourth Generation (1971-Present)
  5. Fifth Generation (Present and Future)

कंप्यूटरों की प्रथम पीढ़ी - First Generation (1940-1956) Vacuum Tubes


First Generation (1940-1956) Vacuum Tubes

1940 -1956 के बीच विकसित कंप्यूटर, कंप्यूटर की पहली पीढ़ी हैं। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में सर्किट के लिए वैक्यूम ट्यूब और मेमोरी के लिए magnetic drums का इस्तेमाल किया जाता था, और ये कंप्यूटर अक्सर बहुत ही विशाल हुआ करते थे प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर संचालित करने में बहुत ही महंगे थे और यह बिजली का भी अत्यधिक प्रयोग करते थे, इसके अलावा इनसे अत्यधिक गर्मी उत्पन्न हुआ करती थी जो अक्सर इनकी खराबी का कारण बन जाती थी। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर को प्रोग्राम करने के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग किया जाता था, जिसे 1GL भाषा के रूप में जाना जाता था। ये कंप्यूटर एक समय में केवल एक ही समस्या को हल कर सकते थे इनमें इनपुट punched cards और paper tape पर आधारित था और आउटपुट प्रिंट आउट पर प्रदर्शित होता था।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ - Advantages of first Generation Computer

(1) वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग (vacuum Tube)- पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों के Internal Circuit  में Logical element के रूप में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था, यह वेक्यूम ट्यूब बड़ी होने के कारण, प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों का आकार भी बढ़ा हुआ करता था तथा यह वेक्यूम ट्यूब लगातार विद्युत (Electricity) के संचार होने के कारण जल्दी खराब हो जाते थे। इसलिए प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों को ठंडी जगह में रखने की आवश्यकता पढ़ती थी
(2)  पंच कार्ड तथा मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग ( Punch card and Magnetic drum) -  पहली पीढ़ी के कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट तथा आउटपुट के लिए पंच कार्ड का उपयोग होता था, पंच कार्ड की कार्य करने की गति धीमी होने के कारण ये सिस्टम धीरे काम करते थे । प्रथम पीढ़ी के कई कंप्यूटरों में Internal memory के रूप में Magnetic drum का प्रयोग किया जाता था तथा पंच कार्ड से प्राप्त डाटा वा प्रोग्राम इस Magnetic drum पर चुंबकीय रूप(Magnetic form) में संग्रहित (Store) किए जाते थे।
(3) मशीनी तथा असेंबली भाषा में प्रोग्रामिंग (Machine and Assembly Language) - प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग करने के लिए मशीनी तथा असेंबली भाषा का प्रयोग करना पड़ता था जिस कारण इन कंप्यूटरो के लिए प्रोग्रामिंग करना अत्यंत कठिन हो जाता था।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान - Disadvantages of first Generation Computer

  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े थे ।
  • यह कंप्यूटर बहुत महंगे थे।
  • इनमें ऊर्जा की खबत बहुत ज्यादा थी ।
  • हजारों वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग करने के कारण वे बहुत जल्दी गर्म हो जाते थे ।
  • सख्त रखरखाव की आवश्यकता थी ।
  • इन कंप्यूटरों की गति बहुत धीमी थी ।
  • प्रोग्रामिंग के लिए केवल मशीनी भाषा का प्रयोग किया जा सकता था ।
 पहली पीढ़ी के कंप्यूटिंग उपकरणों के उदाहरण
  • ENIAC
  • EDVAC
  • UNIVAC

कंप्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी - Second Generation (1956-1964) Transistors


Second Generation (1956-1964) Transistors

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर लगाया जाने लगा क्योंकि ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से कहीं बेहतर था। ट्रांजिस्टर ने वैक्यूम ट्यूब की जगह लेकर कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की शुरुआत की और सन् 1956-1964 के बीच दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर विकसित हुए। ट्रांजिस्टर वेक्यूम ट्यूब की तरह ही कार्य करते थे,लेकिन इनके कार्य करने की गति वैक्यूम ट्यूब से अधिक थी तथा यह आकार में भी उनसे छोटे व अधिक विश्वसनीय थे। ट्रांजिस्टर लगातार विद्युत संवहन (Electric convection) होने पर भी कम गर्म होता था और इसमें विद्युत की खपत भी कम होती थी।

यह भी पढ़े - Computer Hardware और Software मे क्या अंतर है।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ - Advantages of Second Generation Computer

(1) टेप और डिस्क का प्रयोग- (Tape and Disk) - द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों में संग्रह- माध्यम के रूप में पंच कार्ड के अलावा चुंबकीय टेप और डिस्को का प्रयोग किया जाने लगा।
(2) मैग्नेटिक कोर आंतरिक स्मृति (Magnetic core internal memory) - दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में मैग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मैग्नेटिक कोर मेमोरी का प्रयोग किया जाने लगा ।
(3) उच्च स्तरीय भाषा में प्रोग्रामिंग (Programming in high level language) - मशीनी और असेंबली भाषा की जटिलता (Complexity) से बचने के लिए सरल कंप्यूटर भाषा अर्थात उच्च स्तरीय भाषा का विकास हुआ, जैसे FORTRAN को COBOL आदि और फिर इन्ही भाषा में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की जाने लगी ।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान - Disadvantages of Second Generation Computer

  • केवल विशिष्ट उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता जा सकता था ।
  • लगातार रखरखाव की आवश्यकता थी ।
  • यह कंप्यूटर भी धीमी गति से कार्य करते थे ।
  • प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा में इनका आकार कम तो हुआ परंतु अभी यह आकार में काफी बड़े थे।


दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटिंग उपकरणों के उदाहरण-

  • IBM 1620
  • IBM 7094
  • CDC 1604
  • CDC 3600


कंप्यूटरों की तृतीय पीढ़ी - Third Generation (1964-1971) Integrated Circuits


Third Generation (1964-1971) Integrated Circuits

तीसरी पीढ़ी की शुरुआत सन् 1964 के मध्य से प्रारंभ हुई, इस पीढ़ी के कंप्यूटर सर्किट में IC(Integrate Circuit) का प्रयोग किया जाने लगा इंटीग्रेटेड सर्किट का विकास तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की पहचान था, इस पीढ़ी में पहली बार उपयोगकर्ताओं (Users) ने Punch card और Printout के बजाय keyboard और Monitor के माध्यम से कंप्यूटर के साथ बातचीत की और एक ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ हस्तक्षेप (Interference) किया। पहली बार कंप्यूटर आम लोगों के लिए उपलब्ध हो पाए क्योंकि यह छोटे और सस्ते थे तथा इनमें विद्युत की खपत भी कम थी।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ - Advantages of Third Generation Computer

(1) ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग (Operating System) - कंप्यूटर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए कंट्रोल प्रोग्राम का एक समूह बनाया गया जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम कहा गया। इस ऑपरेटिंग सिस्टम से कंप्यूटर के सभी आंतरिक कार्य ऑटोमेटिक ही, हो जाते थे। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के हार्डवेयर को भी नियंत्रित कर सकता था ।
(2) सॉफ्टवेयर में सुधार (Improvement in Software) - नई प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास हुआ जो उपयोग करने में आसान थी तथा इन्हें आसानी से समझा जा सकता था और इनमे प्रोग्रामिंग करना भी सरल था जिस कारण बाजार में नए-नए Software देखने को मिले ।
(3) मिनी कंप्यूटर का उदय (Rise of mini Computer) - तीसरी पीढ़ी में कंप्यूटर का आकार छोटा हो गया इन छोटे कंप्यूटरों को मिनी कंप्यूटर कहा जाने लगा ।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान - Disadvantages of Third Generation Computer

  • एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता थी।
  • आईसी चिप के निर्माण के लिए आवश्यक तकनीक जटिल  थी।
  • केवल विशिष्ट उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता जा सकता था।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटिंग उपकरणों के उदाहरण -

  • IBM-360 series
  • IBM-370/168
  • TDC-316
  • Honeywell-6000 series
  • PDP (Personal Data Processor)
यह भी पढ़े - Computer क्या है। Components of computer in Hindi

कंप्यूटरों की चतुर्थ पीढ़ी - Fourth Generation (1971-Present) Microprocessors


Fourth Generation (1971-Present) Microprocessors

चौथी पीढ़ी की शुरुआत सन् 1971 से हुई जब पहली बार माइक्रोप्रोसेसर बनाया गया। माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार के कारण अब एक चिप के ऊपर कंप्यूटर बनाना संभव हो गया था, चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों मैं बहुत बड़े पैमाने पर VLSIC (Very Large Scale Integrated circuits) का इस्तेमाल किया गया जिससे माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) बनाना संभव हो पाया । चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली, विश्वसनीय और सस्ते  थे। इससे पूर्व की पीढ़ी में कोर मेमोरी का प्रयोग किया जाता था परंतु अब इसके स्थान पर सेमीकंडक्टर पदार्थ की मेमोरी का प्रयोग होने लगा यह नई मेमोरी, गति में तेज, आकार में छोटी और सस्ती थी। इस पीढ़ी में सभी उच्च स्तरीय भाषाओं जैसे C, C++, DBASE आदि का उपयोग किया गया था ।

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ - Advantages of Fourth Generation Computer

(1) माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग (Use of microprocessor) - चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों मे माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाने लगा जिस कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का आकार छोटा हो गया इसलिए इन कंप्यूटरों को Micro Computer कहा जाने लगा ।
(2) सेमीकंडक्टर आंतरिक मेमोरी का प्रयोग (Use of semiconductor internal memory) - इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में कोर मेमोरी के स्थान पर सेमीकंडक्टर से बनी मेमोरी का प्रयोग किया जाने लगा जिस कारण कंप्यूटरों की गति में तेजी आई ।
(3) सॉफ्टवेयर में सुधार (Software improvement) - कंप्यूटर के बढ़ते चलन के कारण कंप्यूटर के द्वारा किए जाने वाले कार्यों में वृद्धि हुई, इसके परिणाम स्वरूप प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर बनाए जाने लगे, जैसे- स्प्रेडशीट, वर्ड प्रोसेसर तथा डेटाबेस का कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर तैयार हुए ।

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान - Disadvantages of Fourth Generation Computer

  • ई माइक्रोप्रोसेसर डिजाइन और निर्माण बहुत जटिल हैं।
  • आईसी की उपस्थिति के कारण कई मामलों में एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है।


चौथी पीढ़ी के कंप्यूटिंग उपकरणों के उदाहरण -

  • Altair 8800
  • MAC
  • CRAY-1(Super Computer)
  • CRAY-X-MP(Super Computer)


कंप्यूटरों की पांचवी पीढ़ी - Fifth Generation (Present and Future) Artificial Intelligence


Fifth Generation (Present and Future) Artificial

इस पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली व और उच्च तकनीक वाले कंप्यूटर से लेकर भविष्य मैं आने वाले कंप्यूटरों को शामिल किया गया है । वैज्ञानिक पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों पर काफी सफलताओं के साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस पीढ़ी के कंप्यूटर Artificial Intelligence (AI) की तकनीक पर आधारित है।कंप्यूटर विज्ञान में AI एक उभरती हुई शाखा है, जो कंप्यूटर को इंसान की तरह बनाने के माध्यम और तरीके की व्याख्या करता है। पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर बोले गए शब्दों को समझ सकते हैं, और मानव तर्क का अनुकरण कर सकते हैं। इनमे लगे विभिन्न प्रकार के सेंसर का उपयोग करके अपने आस-पास की गतिविधियो को समक्ष सकते हैं। इस पीढ़ी में सभी उच्च स्तरीय भाषाओं जैसे C, C++, Java, .Net आदि का उपयोग किया जाता है।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ - Advantages of Fifth Generation Computer

(1) कंप्यूटरों के विभिन्न आकार (Different sizes of computers) - पांचवी पीढ़ी में कंप्यूटरों के विभिन्न आकार देखने को मिलते हैं इसमें कंप्यूटर की आकार और संरचना को अपने जरूरत के हिसाब से तैयार किया जा सकता है आज विभिन्न मॉडल जैसे डेस्कटॉप, लैपटॉप, पाम टॉप, टेबलेट आदि में कंप्यूटर उपलब्ध है
(2) इंटरनेट का प्रयोग (Use of Internet) - इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में इंटरनेट एक जरुरत बन गया है, दुनियाभर के कंप्यूटर एक दूसरे से इंटरनेट के माध्यम से जुड़ गए हैं जिससे कंप्यूटरों का एक विशाल नेटवर्क देखने को मिलता है ।
(3) नए अनुप्रयोग (New Applications) - कंप्यूटर की तकनीक अति विकसित होने के कारण इसके अनुप्रयोगों में वृद्धि हुई है, जैसे- फिल्म निर्माण, यातायात नियंत्रण, उद्योग, व्यापार एवं शोध आदि के क्षेत्र में नये-नये अनुप्रयोग विकसित किये जा रहे है।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान - Disadvantages of Fifth Generation Computer

  • ये मानव मस्तिष्क को सुस्त और प्रफुल्लित (dull and doomed) कर सकते हैं।


पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटिंग उपकरणों के उदाहरण-

  • NoteBook
  • UltraBook
  • ChromeBook

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